Saturday, August 4, 2007

एक शायरी अपने नाम ...

हम वो नही जो हार मानले,
आँसुओं को अपना हमदर्द बनाले ॥
उपर से दिखते है नरम लेकीन,
हौसलों से अपने इरादे बनाते है ॥
अपनी जीत से हार को ठोकर देते हैं,
हम वो हैं जो सपनों को चुनौती देते हैं ॥

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